नर्मदा बचाओ आन्दोलन के कार्यकर्ताओं और विस्थापितों को झूठे आरोपों में फंसाकर गिरफ्तार करने का पुलिस प्रशासन का सिलसिला जारी, भय और आतंक फैलाना चाहती है सरकार
नर्मदा घाटी में मध्य प्रदेश सरकार की दमकारी नीतियों के विरोध में आज मनावर, कुक्षी, सोंदुल पट्टी और बड़वानी में आयोजित की गयी बैठकें, आन्दोलन को और अधिक मजबूती से खड़ा करने का लिया गया संकल्प
बिना सम्पूर्ण पुनर्वास हटना विस्थापितों को है नामंजूर, अपने अधिकारों की लड़ाई में कोई समझौता नहीं करेंगे सरदार सरोवर बांध प्रभावित
गिरफ़्तारी के 10 वें दिन भी मेधा पाटकर, विजय, शंटू और धुरजी भाई को रिहा ना करने से बढ़ रहा है घाटी के लोगों में आक्रोश
धार, मध्य प्रदेश ||18 अगस्त 2017:: नर्मदा घाटी में हो रहे प्रशासनिक दमन और पुलिस बर्बरता के खिलाफ नर्मदा बचाओ आन्दोलन के कार्यकर्ताओं तथा घाटी के विस्थापितों के द्वारा आज कुक्षी, मनावर तहसील, आदिवासी क्षेत्र सोंदुल पट्टी, तथा बड़वानी जिले के सैकड़ों गांवों में बैठकें आयोजित की गयी जिसमें हजारों विस्थापित उपस्थित थे । पुलिस प्रशासन सरदार सरोवर विस्थापितों पर झूठे मुकदमें लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर रही है ताकि आन्दोलन कमजोर पड़ जाए और सरकार अपनी मनमानी कर सके, सम्पूर्ण पुनर्वास तथा बिना मूलभूत सुविधाओं के अपने मूल गाँव खाली करने के लिए लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है । मुख्य कार्यकर्ताओं और प्रमुख लोगों को कानूनी मामलों में उलझाकर, जेल में बंद करके सरकार लोगों में भय पैदा कर उन्हें पुनर्वास स्थलों को तैयार किये बिना , गाँव छोड़ने को मजबूर करने पर अमादा है । लेकिन नर्मदा बचाओ आन्दोलन इस तानाशाही से डरने की बजाय और मजबूती के साथ सामने आ रहा है, लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश और अपने अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ रही है और अभी भी घाटी में “बिना पुनर्वास हटेंगे नहीं” नारे सुनाई दे रहे हैं।
7 अगस्त को चिखल्दा गाँव में पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण अनशन को बलप्रयोग द्वारा जबरन तोड़कर अनशनकारियों को गिरफ्तार करने से शुरू हुआ यह भय/आतंक फ़ैलाने का सिलसिला अभी भी जारी है। विजय, शंटू, धुरजी भाई को गिरफ़्तारी के 10 वें दिन तथा मेधा पाटकर को 12 वें दिन भी रिहा नहीं किया गया है। 307 (हत्या की कोशिश का मामला) तथा 365(अपहरण ) जैसे गंभीर आरोपों में शांतिपूर्ण आन्दोलन के कार्यकर्ताओं को फसाकर सरकार जबरन गाँव खाली कराने की पूरी तैयारी में हैं लेकिन वहीँ विस्थापित भी अपनी सम्पूर्ण पुनर्वास की मांग को लेकर डटे हैं, इसको लेकर नर्मदा घाटी में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कल नर्मदा बचाओ आन्दोलन के 80 कार्यकर्ताओं को बिना किसी शर्त कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया जिन पर पुलिस द्वारा झूठे आरोप लगाए गए थे परन्तु अभी भी हजारों अज्ञात लोगों पर मुकदमे लगाए गए हैं । बिना किसी अपराध के लोगों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है, अहिंसक लोगों पर हिंसा बरपायी जा रही है, वह हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं जिससे आन्दोलन को समाप्त किया जा सके, लोगों की आवाजों को दबाया जा सके और हर उस संघर्ष को ख़त्म किया जा सके जो सरकार के भ्रष्टाचार, अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण नीतियों का को उजागर करता है ।
गाँव- गाँव की बैठकों में लोगों में सरकार के प्रति प्रत्यक्ष आक्रोश नजर आया । विस्थापितों ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि सरकार आन्दोलनकारियों और मेधा पाटकर को गिरफ्तार कर बिलकुल भी ये ना समझे कि नर्मदा घाटी के लोग डर गए हैं, बल्कि हम इस अराजकता के खिलाफ और अधिक सामर्थ्य और संख्या में खड़े हैं, गाँव वालों ने कहा कि मेधा पाटकर हर उस विस्थापित (मजदूर, किसान, कुम्हार, मछुआरा, आदिवासी) के घर में बसती है जिसको सरकार उजाड़ने पर आतुर है और पुलिस प्रशासन जितने लोगों को झूठे मुकदमे लगाकर गिरफ्तार करेगी, हम उससे अधिक संख्या में गिरफ़्तारी देने आयेंगे और प्रशासन के जेलों में भी इतनी जगह नहीं बचेगी जितना हम में साहस बचा है ।
मध्य प्रदेश सरकार की अराजकता इस कदर बढ़ गयी कि आज उन्ही की पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) के कड़माल तहसील कुक्षी जिला धार के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष सहित 30 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी को अपना त्यागपत्र दे दिया। त्यागपत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि इस सरकार से हमारा भरोसा उठ गया है और जो सरकार अपने पुनर्वास के लिए लडाई लड़ रही की महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करे, कार्यकर्ताओं तथा आन्दोलन की नेत्री मेधा पाटकर को झूठे आरोपों में फंसाकर जेल में रखे और 32 साल के संघर्ष के बाद भी पुनर्वास करने की बजाय हिंसक प्रवृति अपनाये, हम ऐसी पार्टी का हिस्सा नहीं रहना चाहते ।
इसी के साथ देशभर से नर्मदा बचाओ आन्दोलन के कार्यकर्ताओं और मेधा पाटकर की गिरफ़्तारी के विरोध में कार्यक्रम किये जा रहे हैं इसी कड़ी में आज उज्जैन में धरना प्रदर्शन किया गया ।
तमिलनाडु में ग्रीन तमिलनाडु पार्टी द्वारा मेधा पाटकर तथा विस्थापित और नर्मदा बचाओ आन्दोलन के प्रमुख साथी शंटू, विजय और धुरजी भाई की अन्यायपूर्ण गिरफ़्तारी की कड़ी निंदा और विरोध व्यक्त करते हुए प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कांफ्रेंस को पार्टी के नेता और परमाणु उर्जा विरोधी एक्टिविस्ट एस पी उदयकुमार, MMK नेता और पूर्व विधायक प्रोफ. जहावरुल्ला, तमिझा वाल्वुरिमई नेता वेलमुरुगन, SDPI नेता तेहलान पकावी, दलित पैंथर उप जनरल सेक्रेटरी वान्नी अरासु, पूवुलागिन नन्बार्गल, जी सुनंदिराजन और जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय से डॉ. गब्रिएले, गीता रामकृष्णा और अरुल डॉस द्वारा संबोधित किया गया । कांफ्रेंस में मेधा पाटकर तथा जेल में बंद अन्य साथियों की तुरंत बिना शर्त रिहाई, विस्थापितों के लिए अधिकृत मुआवजे तथा पूर्ण पुनर्वास की मांग की गयी । ग्रीन तमिलनाडु पार्टी द्वारा तमिलनाडु में नर्मदा बचाओ आन्दोलन के संघर्ष के समर्थन में कार्यक्रम करने की भी बात की ।
कल रतलाम, मंदसौर, नीमच द्वाबरा तथा भोपाल में भी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अपनाये गए हिंसक और दमनकारी कार्यवाही के खिलाफ और लोकहितों की रक्षा में प्रदर्शन होंगे ।
कमला यादव. देवराम कनेरा, भागीरथ धनगर, रोहित ठाकुर, राहुल यादव, सनोवर बी, भगवती बाई, अमूल्य निधि, सरस्वती बहन, मंजुला बाई, पुष्पा बाई, कैलाश अवास्या
संपर्क – 9179617513, 9867348307
August 21, 2017 at 9:45 pm
Sab milkar sangharsh karey. Medhaji ko rehaa karne ko guhaar lagaye aur doosron ko bhi chodney ka andolan karey