chitakni

पीली :  हरी , बहुत खुश लग रही है ?

हंस ले  , हंस  लेआज तो हमारी छुट्टी लग रही है

 

हरी इतने दिन धूप मैं  सड़ के , राख़ हो गयी

 आज तो हमारी भी सनडे की छुट्टी हो गयी

 बरखा रानी का चमत्कार है

मेरे तड़पते दिल मैं आई बहार है

 

संतरी : अरे नीलीतू क्यों इतनी चुप और सकुचाई है ?

क्या बारिश की फुहारतुझे रास  आई है ?

 

नीलीमुझे मेरे झोपढ़  पट्टीगोलीबार , के साथी याद  रहे हैं

आज उनकी क्या हालत होगीउनकी सर की छत तो  डूब गयी होगी ?

 

पीली : मैं तो हमारे अस्तित्व का सोच रही हूँ

कपड़ों के बिना हम क्या है ?

आदि  मानव  को हमारी कभी ज़रूरत ही  होगी ?

हरी :  हा हा हा !!!,  पीली  फीलोसोफी क्या झाढ़ रही है ? 

 आज इस पल को महसूस कर ,

और इस बारिश मैं अपने मूड को  ठीक कर

संतरी : बालकनी  पे टिक्की बूंदों को देखो

 मानो मोतियों  का एक  हार है

एक बूंद जो बन गयी मोती

 

नीली : लो वो थी बूंदअब गिर गयी

ज़िंदगी भी तो ऐसे ही है

आज है……………….कल नहीं

पीली : लो अब नीली  मेरे साथी फ़िलॉसफ़र हो ली  हा !हा !

अरे , हरी और  संतरी , हमारी तो जोड़ी बन गयी

 

हरी :  पीली ,  यह दोनों  कभी खुश नहीं हो सकती

इस ज़िंदगी तो कभी जीत नहीं सकती

चलहम दोनों की जोड़ी ही सही है 

 

पीली : नीली , संतरी , देखो देखो

 ज़रा देखोनीचे नज़र डालो

अब बारिश की  बूंदे  मोती बन गयी हैं

 

बोलो बोलो क्या सोच रही हो तुम ?

 

नीली : बसहल्की बारिश रहे  फान  हो

 संतरी : मेरी बूंद  में    ,    मैं समा गयी

हरी :  मैं तो सावन के आलिंगन में मदहोश हो गयी

 पीलीपता नहीं मुझे धूप क्यों याद  रही  है ?

 

अब आप बताइये आप किसके साथ हो ?

नीलीसंतरी  ,हरी या पीली ?

कामायनी बाली महाबल
बम्बई की पहली बारिश के नाम 
9 जून 2013