Sterilization scam in Garhwa district highlights pathetic condition of family planning services. For providing sterilization services, health department has signed MoU with 11 private hospitals
CMHO came to know about the scam after going through the files of 2016-17 and 2017-18.
All payments were made for sterilization without entering the details of the beneficiaries. He found 1200 sterilization in a day and doubted on it.
He issued show cause notice to DPM as he is accountable for this issue and cancelled MoU with Private hospitals in the district.

महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी में जिले में Rs.2.32 करोड़ का घोटाला

महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी में जिले में Rs.2.32 करोड़ का घोटाला

सीएस ने किया खुलासा | डीपीएम आशुतोष मिश्रा के वेतन निकासी पर रोक, मांगा गया स्पष्टीकरण, 11 निजी चिकित्सालयों का एमओयू रद्द

सियाराम | गढ़वा

गढ़वा जिले में दो करोड़ 32 लाख का एनआरएचएम के तहत घोटाला किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इसके बाद सभी संबंधित चिकित्सालयों के भुगतान रोक पर रोक लगा दी गई है। घोटाला प्रकाश में आने के बाद वर्तमान मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने जिले के 11 निजी चिकित्सालयों से अपना अनुबंध(एमओयू) रद्द कर दिया है। 


मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कन्हैया प्रसाद ने डीपीएम आशुतोष मिश्रा के वेतन निकासी पर रोक लगाते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। मामला के प्रकाश में आने के बाद डीपीएम आशुतोष मिश्रा अचानक छुट्टी पर चले गए हैं। इस संबंध में बताया गया कि एनआरएचएम के तहत जिले के विभिन्न चिकित्सालयों द्वारा बंध्याकरण ऑपरेशन के भुगतान की फाइल मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के पास भेजी गई थी। यह फाइल 2016-17 व 2017-18 की है। जो फाइल मुख्य चिकित्सा पदाधिकार के पास भेजी गई थी, वह भी अपूर्ण थी। उसमें लाभुक का किसी भी तरह कोई विवरण नहीं दिया गया था। इस फाइल पर सीएस को शक तो उस समय हुआ।

 

जब इसी वर्ष मई माह में विभिन्न निजी चिकित्सालयों में व्यापक पैमाने पर एक दिन में बंध्याकरण ऑपरेशन दिखाया गया। जबकि जिन चिकित्सकों का बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए जिक्र किया गया था। उन सभी के द्वारा एक दिन में एक साथ इतनी संख्या में बंध्याकरण ऑपरेशन किया जाना संभव ही नहीं था। शक होने पर सीएस ने इस फाइल को पूर्ण कर प्रस्तुत करने की बात कहते हुए लौटा दिया। इसमें एक-दो ऐसे निजी चिकित्सालय हैं, जिनका इस योजना के तहत बंध्याकरण का दो वर्ष का 85 लाख रुपए तक बकाया है।

 

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